
भारत- टोक्यो ओलंपिक में आज 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही, वह स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट और अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इस शानदार प्रदर्शन के साथ, नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या सात तक पहुंचा दी, जो 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीते अभी तक के सबसे ज्यादा छह पदकों से ज्यादा हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और उत्साही देशवासियों ने भारत को गौरवान्वित करने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई दी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने उल्लेखनीय भावना के साथ खेला और अद्वितीय धैर्य दिखाया।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा :
“टोक्यो में इतिहास रचा गया है! @Neeraj_chopra1 ने आज जो उपलब्धि हासिल की है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने उल्लेखनीय भावना के साथ खेला और अद्वितीय धैर्य दिखाया। स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें बधाई।
नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत विवरण:
खेल: पुरुष भाला फेंक
जन्म तिथि: 24 दिसंबर 1997
गृह स्थान: पानीपत, हरियाणा
प्रशिक्षण शिविर: साई एनएसएनआईएस पटियाला
वर्तमान प्रशिक्षण शिविर: उप्साला, स्वीडन
राष्ट्रीय कोच: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज
नीरज हरियाणा के खंडरा गांव के रहने वाले हैं। वह जब 12 वर्ष के थे, तब उनके शरीर का वजन सामान्य से अधिक था और उनके परिवार के लोग लगातार उनसे खेल की दुनिया में उतरने के लिए कहते रहे। आखिरकार नीरज ने अपने परिवार वालों की बात मानते हुए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया। कुछ सीनियर को स्टेडियम में भाला फेंकते हुए देखने के बाद, नीरज ने भाला फेंक खेल में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। सौभाग्य से नीरज को तंदुरुस्त बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण करने के एक माध्यम के तौर पर इस खेल ने आकर्षित किया। इसके बाद वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन गए।
उपलब्धियां
– स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2018
– स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2018
– स्वर्ण पदक, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017
– स्वर्ण पदक, विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016
– स्वर्ण पदक, दक्षिण एशियाई खेल 2016
– रजत पदक, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2016
– वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88.07 मीटर – 2021)
– वर्तमान विश्व जूनियर रिकॉर्ड धारक (86.48 मीटर – 2016)
सरकार से मिली प्रमुख मदद
– यूरोप में प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए वीजा सपोर्ट लेटर
– स्पोर्ट्स गियर और रिकवरी इक्विपमेंट की खरीद के लिए वित्तीय सहायता
– नेशनल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के लिए बायो-मैकेनिस्ट विशेषज्ञ सह कोच की भर्ती और विदेशों में खेलने के अवसर
– महासंघ और एनजीओ के साथ इंजरी मैनेजमेंट और रिहैबिलिटेशन
– वर्तमान ओलंपिक चक्र में 26 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए वित्तीय सहायता
वित्त पोषण (रियो ओलंपिक 2016 के बाद से अब तक)
टाप्स | एसीटीसी | कुल |
करीब 52,65,388 रुपये | करीब 1,29,26,590 रुपये | करीब 1,81,91,978 रुपये |
कोच (प्रशिक्षकों) का विवरण:
ग्रासरूट लेवल: श्री जय चौधरी
डेवलपमेंट लेवल: दिवंगत श्री गैरी कैलवर्ट और श्री यू होन
एलीट लेवल: डॉ. क्लोस बार्टोनिट्ज