भाई-बहिन के प्यार स्नेह का
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रेम समरसता का अलंकर है राखी
आँखों में दुलार, कलाई सजा प्यार
मन में उमड़ती प्रेम तरंग है राखी ।
सारा जीवन अटूट रिश्तों की डोर
विश्वास- सम्मान का नाम है राखी
धागे बंध जाए कलाई पर भाई के
बहिन के लिए अटूट साँस है राखी ।
भाई के लिए बहिन के मन में
बहिन-भाई का मान है राखी
एक सुलझे हुए रिश्तों में
ज़िन्दगी भर का साथ है राखी ।
रिश्तों का बंधन भाल पर चन्दन
थाली में स्नेह की मिठास है राखी
एक सच्चा साथी पक्का मित्र सा
होटों पर मुस्कान का नाम है राखी ।
सावन की रिमझिम वारिश सी
मन में ठंडक सा अहसास है राखी
इस बंधन से बंधा है भाई
बहिन-भाई की शान है राखी ।
कवि / लेखक –
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
