मप्र- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में Covid-19 संक्रमण पर अच्छे नियंत्रण के बाद भी निरंतर सावधानी की आवश्यकता है। Covid प्रोटोकाल के सख्त पालन पर सभी को ध्यान देते हुए सजग रहना है। राज्य में वैक्सीनेशन महाअभियान.2 के सफल संपादन के बाद नागरिकों को सुरक्षा मिली है। लेकिन भविष्य में संक्रमण की लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए सभी का जागरूक रहना आवश्यक है। कुछ जरूरी व्यवस्थाओं के साथ विद्यालय प्रारंभ हो रहे हैं। आवश्यक हुआ तो ऐसे शिक्षकों जिनके वैक्सीन के दोनों डोज पूरे नहीं हुए हैं, उनके लिए पृथक विशेष टीकाकरण-सत्र में वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्यमंत्री श्री चौहान आज शाम निवास पर प्रदेश में शालाओं के संचालन के संबंध में बैठक को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार उपस्थित थे। बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश के समस्त शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में आगामी 1 सितंबर से कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएँ 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति में प्रारंभ की जाएगी। इसमें अभिभावकों की सहमति और Covid-19 की गाइडलाइन का सख्त पालन करना अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समस्त विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील की है कि कोरोना अनुकूल व्यवहार सुनिश्चित करें और पूरी सावधानी के साथ शिक्षण कार्य की व्यवस्था में सहयोग करें।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 15 जून से अकादमिक सत्र 2021 प्रारंभ हो चुका है। नामांकन का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। गत वर्ष की तरह इस सत्र में भी ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन हुआ है। यही नहीं टेलीविजन, रेडियो और स्मार्ट फोन के माध्यम से शैक्षणिक सामग्री प्रसारित की गई है। शालाओं के संचालन के लिए जो अनिवार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं, उनमें शालाओं में कार्यरत समस्त स्टाफ को टीके का कम से कम एक डोज लगा हो, यह आवश्यक है। स्कूलों में राज्य स्तर से जारी कोविड प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। शालाओं में कक्षावार नियत दिवस के अलावा अन्य दिवसों में ऑनलाइन कक्षाएँ पूर्व के अनुसार संचालित करने की व्यवस्था भी रहेगी।