कविता - "शिक्षक" – Yaksh Prashn – Shyam Kumar Kolare
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कविता – “शिक्षक”

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साधारण की एक शख्सियत,

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सच्चा सीधा सरल स्वाभाव,

मुख मनोहर तेज भाल पर,

नया नूतन ज्ञान के थाव ।

अनुशरण हम करें हमेशा

समझ ज्ञान की है खान

जीवन का ये पाठ पढ़ाए  

देते हमें विद्या का दान ।

जीवन ज्ञान खूब बताये   

इनकी हमें सीख भी भाये

जीवन पूँजी नित्य बढ़ाए

थाप देकर हमें सिखाये ।

जीवन की पहचान बताये 

आगे बढ़ना हमें सिखाये

शिक्षक एक दमकता सूरज

हमेशा ये प्रकाश फैलाये ।

शिक्षक है तो ज्ञान हमारा

इनसे बिन जीवन अंधकार

शिक्षक से अज्ञान मिटा है

इनसे की संसार टिका है ।

शिक्षक का है उपकार बड़ा है

इससे हमारा मान बढ़ा है

नमन है सब शिक्षक गुरुवर

आशीर्वाद रहे जीवन भर ।

कवि / लेखक –
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
#ShyamKumarKolare