कविता - "हिन्दी हमारी शान" – Yaksh Prashn – Shyam Kumar Kolare
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कविता – “हिन्दी हमारी शान”

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हिन्दी हमारी शान

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हिन्दी हिन्द की शान हमारी

हिन्द धरा की आन

हिन्दी भाषा माता जैसी

समरसता की खान।

हिन्दी का सम्मान करें हम

हिन्दी मे काम करें हम

हिन्दी का विस्तार बढ़े तो

हिन्द का होगा नाम।

हिन्द रहते हिन्दी आना

गर्व की है बात

हिन्दी मे ही निकलेंगे

अन्दर के जस्बात।

हिन्दी भाषा बड़ी सहज है

हिन्दी भाषा बड़ी सरल है

सौम्य सुन्दर और समर्थ है

छोटे शब्दों में बड़े अर्थ है।

हिन्दी की बिन्दी में देखो

चन्दा सी शीतलता है

सरसता का सागर जैसी

समाये इसमे गूढ़ रहस्य है।

कवियों की कविता में बसती

गीतकार की गान में

लेखक की शब्दो की शक्ति

आन बान और शान में।

मुख से निकले हिन्दी भाषा

मधुर ध्वनि झंकार

हिन्दी बोले हिन्दी सोंचे

हिन्दी का हो विस्तार।

गर्व करें हमे हिन्दी आती

मातृभाषा सम्मान बढ़ाती

हिन्दी मेरे देश की भाषा

देश का ये मान बढ़ाती।

कवि / लेखक –
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
#ShyamKumarKolare