किसी अंजान की निःस्वार्थ
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मदद करना
और उससे कुछ भी न चाहना,
इंसानियत होती है ।
दुःख तकलीफ जिल्म परेशानी देना
शैतानो का काम होता है
देना हो तो हिम्मत दो जस्बा दो
मदद दो, सहायता दो !
इससे इंसानियत दिखती है
मर्द औरत को आदेश देता है
अधिकारी कर्मचारिओं को
मालिक मजदूर को आदेश देता है ।
आदेश का बड़ा चक्कर है यारो
यदि देना है तो परामर्श दें
विनम्रता दें, सहमती दें ।
आदर और नम्रता से
बड़े-बड़े कम बन जाते है
और अहंकार से
बने हुए काम भी बिगड़ जाते है ।
देख इंसानियत की कीमत
ये उसे ख़ास बना देता है
इंसानियत इंसान को
महान बना देता है ।
कवि / लेखक –
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
#ShyamKumarKolare
