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कविता- महंगाई

खूब बढ़ रही महंगाई गरीबी बढ़ती जाए  हाय महंगाई तुझको क्या शर्म भी ना आए  मिट्टी की दीवारें, फूस छत जैसी की तैसी मैया का चश्मा है टूटा, वो सुधरा न जाए खाट सुतली भी टूटी, चादर सुकड़ा जाए खूब बढ़ रही महंगाई गरीबी बढ़ती जाए।। मशीनें है हाथ घटाते नहीं देते किसी का साथ …

कविता- “सुकून”

भले ही हो आपके पास खूब सुविधाएँ पर जिंदगी में सही सुकून कहाँ से लाएँ। धन-दौलत आराम का समान देता है पर सुकून तो अपने मन मे ही होता है। जरूरत पर हर चीज बड़ी सुहाती है भूख में सुखी रोटी लजीज हो जाती है। आराम गरीबों की खटिया में भी होता है संतुष्टि की…

कपड़ा बैंक ने बांटें गरीब बच्चों को गर्म कपड़े

चौरई(छिन्दवाड़ा)- दिनाँक 14 नवंबर 2021, कपड़ा बैंक सेवा संघ संगठन जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश अपने सेवा कार्य के लिए जिला की एक अग्रणी समाजसेवी संस्था के रूप में कार्य कर रही है। अभी शीतऋतु का प्रारंभ हो चुका है, गरीब एवं असहाय परिवारो को यह काल बड़ा कष्टप्रद होता है, कारण की अभी भी बहुत…

नि:शुल्क नेत्र जाँच शिविर में कपड़ा बैंक ने दी अपनी सेवाएं

चौरई(छिंदवाड़ा)- आज चौरई ब्लॉक के ग्राम कपुर्दा में जनाधिकार समिति द्वारा संदीप रघुवंशी जी के नेतृत्व निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। ग्राम के जरूरतमंद लोगो ने अपना स्वास्थ परीक्षण कराया एवं परामर्शदाता के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ उठाया। इस कार्यक्रम में “कपड़ा बैंक” सेवा सहयोग संगठन की टीम ने कपड़े, मिठाईयां, चूड़ियां आदि सामग्री…

गाँव का मड़ई मेला

लघु कथा – दीपावली की छुट्टी में, मैं “मिश्री” अपने मम्मी-पापा के साथ दीपावली मनाने के लिए दादा-दादी के घर छिंदवाड़ा जाने के लिए बहुत उत्साहित थी। हम मम्मी-पापा के साथ भोपाल में रहते थे; अपने दादा के घर तीज त्यौहार एवं कोई अनुष्ठान में जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। इस बार दीपावली…

दीपावली में कपड़ा बैंक ने की अनूठी पहल

चौरई(छिन्दवाड़ा)- कपड़ा बैंक चौरई सेवा सहयोग संगठन जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश भारत के द्वारा धनतेरस दीपावली के अवशर पर जरूरतमंदों के बीच पहुंचकर दीपावली के पर्व पर आशीर्वाद देने स्वयं मां लक्ष्मी जी अपने हाथों से घर-घर जाकर सामग्री देने पहुँची तो लोगो ने दीपक जला कर आरती किया एवं चरण वंदना कर आशीर्वाद लिया।…

कविता – मिट्टी का नन्हा दीपक

एक नन्हा सा दीपक मिट्टी का, रखे सदा समर्पण भाव   अंत समय तक जलता रहता, लगा देता है जीवन दाव मिट्टी का दिया बोला हवा से, बहुत ताकत है तेरे अन्दर हम दोनों गर मिल जाये, जहान बनादे स्वर्ग सा सुन्दर।   मैं दीपक देता मंद प्रकास हूँ , हवा देती सबको प्राण  …