कविता – “कवि की कलम”
काश कलम में कोई, अद्भुत तेज आ जाता लिखते-लिखते, मैं साहित्यकार बन जाता लेखनी में कोई ऐसा, प्रभाव आ जाता मेरे हर शब्द में कविता सा, झरना बह जाता । मेरी कलम से, भावना की गहराई झलके छन्दों के श्रृंगार से, मेरी पंक्ति दमके हर शब्द ज्ञान का, भंडार हो जाता काव्यों में रसों का,…
