कविता – मिट्टी का नन्हा दीपक
एक नन्हा सा दीपक मिट्टी का, रखे सदा समर्पण भाव अंत समय तक जलता रहता, लगा देता है जीवन दाव मिट्टी का दिया बोला हवा से, बहुत ताकत है तेरे अन्दर हम दोनों गर मिल जाये, जहान बनादे स्वर्ग सा सुन्दर। मैं दीपक देता मंद प्रकास हूँ , हवा देती सबको प्राण …
