“बचपन की सुहानी यादें”
कोई लौटा दे वो बचपन के दिन दौडा करते थे सारा सारा दीन कभी टायरों के चक्कों के पीछे कभी उड़ते हवाई जहाज के नीचे रोज होती थी अमराई की सैर खाते थे झाडी की खट्टी मिट्ठी बेर l कोई लौटा दे वो बचपन के दिन मस्ती करते थे सारे सारे दिन खुश होते…
