चौरई- पौधों को रक्षासूत्र बांधकर लिया सुरक्षा का संकल्प

छिंदवाड़ा (चौरई) – “कपड़ा बैंक संगठन छिंदवाड़ा” विगत वर्षों से सामाजिक सरोकार के उद्देश्य से निरंतर जन कल्याण में अपनी सेवायें देता आ रहा है। इसी तारतम्य में आज कपड़ा बैंक संगठन चौरई टीम द्वारा चौरई के वार्ड क्रमांक 1 में गरीब व असहाय बच्चो को निशुल्क कपड़े वितरण किए गए । रक्षाबंधन के अवसर…

कपड़ा बैंक चौरई ने गरीब-जरुरतमंदो को बाटी राखियाँ

छिंदवाड़ा (चौरई)- कपडा बैंक चौरई टीम द्वारा बस्तियों में जाकर रखियाँ बाटी गई l कपड़ा बैंक जिला में जन सहयोग से कपड़ो का संग्रहण कर उसे जरुरतमंदो तक पहुँचाने का सक्रीय रूप से कार्य कर रहा है l आज जिला के चौरई ब्लाक के लावनगढ़ी कारा वार्ड नंबर 1 इंदिरा कॉलोनी में कपड़ा बैंक चौरई…

जन सहयोग की मिशल बनी कपड़ा बैंक, बाढ़ पीड़ितो के लिए भेजे 5000 जोड़ी कपड़े

छिंदवाड़ा- मानव सेवा के लिए लगातार कार्य कर रही “कपड़ा बैंक” सेवा सहयोग संगठन का “सेवा बने स्वाभाव अभियान” से कई लोग जुड़े है एवं लोगो की मदद के लिए आगे आये है l प्रकृतिक कहर अतिवर्षा से चंबल क्षेत्र लोगो का जीवन दूभर कर दिया है l भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर आदि जिलों में…

स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में किया “कपड़ा बैंक” के पदाधिकारियों का सम्मान

छिन्दवाड़ा – कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन छिंदवाड़ा ने बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगो को कपड़े बाटकर मनाया स्वतंत्रता दिवस की 75वी वर्षगाठ l 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर में बालाघाट हॉक फोर्स (IPS) कमान्डेंट श्री नागेन्द्र प्रताप सिंग जी द्वारा कपड़ा बैंक के अध्यक्ष श्रीमती हेमलता महेश भावरकर,सौरभ शर्मा,मिन्टू साहू,राजेन्द्र चौरिया,सूरज राजपूत,भानु…

कपड़ा बैंक “सेवा सहयोग संगठन” की अनूठी पहल से कई गरीब जरुरतमंदों को मिली मुस्कान

छिन्दवाड़ा– देश चहुमुखी विकास का एक नया मुकाम तय कर रहा है जहाँ सरकार हर लोगो को सभी सुविधा देने के लिए अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है l परन्तु सरकार की सभी योजनाओं के वाबजूद अभी भी ऐसा तबका है जो अपनी बुनियादी सुबिधाओं के लिए तरस रहा है l कई…

“बचपन की सुहानी यादें”

कोई लौटा दे वो बचपन के दिन दौडा करते थे सारा सारा दीन कभी टायरों के चक्कों के पीछे कभी उड़ते हवाई जहाज के नीचे रोज होती थी अमराई की सैर खाते थे झाडी की खट्टी मिट्ठी बेर l   कोई लौटा दे वो बचपन के दिन मस्ती करते थे सारे सारे दिन  खुश होते…

“मेरे घर की बगिया”

आँगन में है छोटी बगिया, फूल लगे है सुन्दर सुन्दर, महके जब खुसबू इनकी, मुग्ध हुआ ये सारा घर, रंग बिरंगे पुष्प खिले है, कुछ कुशुम मुस्काती, तितली का बाजार लगे, जब फूलो पर मडराती l मोगरा केवड़ा चम्पा चमेली, गुलाब फुले है हँसती लिली, मेरी आहाट से दूब हँसें, तो झुइमुई है सरमाती लता…

महंगाई की मार, बस करो सरकार

अब मत सरकाओ सरकार, आफत बनी है महगाई, पहले भी तो आग लगाईं, अब फिर से ले रही अंगडाई, नून तेल सब महगे हो गए, महंगी हुई साग की कढ़ाई, अब तो रहम करो सरकार, चुभन लगी फटी चटाई l बच्चों का स्कूल है छूटा, झोपडी का छप्पर भी टूटा, अन्दर पड़ी हुई है खाट,…