कविता: “पैसा की खनक”
पैसा की खनक मानो किस्मत चमक जाती है पावन खुशबू से इसके फिजायें महक जाती है धन-वैभव सुख-समृद्धि की ठाव बन जाती है मान प्रतिष्ठा के संग जीवन शक्ति में लाती है। पैसा जिसके पास उसी के पास पैसा आता है पैसा मानो चुम्बक है पैसा खीच कर लाता है पैसा नही भगवान ये गजब…
