कविता – “इन सा नहीं कोई दूजा”
माता-पिता की करूँण तपस्या प्यार स्नेह ममता की काया जीवन पाठ पढ़ाने वाली इनके सिवा सब छल की माया लाड़ प्यार से दिए सहारे थामें रखा साथ हमारे हरदम ऊँगली थामे रखा है न डिगने दिया पैर हमारे । छोटी सी चोट लगी तो आह ! माँ के दिल से आई मेरे सपने पूरे करने…
