Home » International Day of Older Persons

कविता- “समझें वृद्धों के जस्बात”

ओझल मन अकेलापन, झुर्रियों से सना शरीर आंख धंसी, धुंधलापन बहरापन कमजोर दांत नींद नहीं आंखों में करवट से बीतती है रात एक बोझिल सा चेहरा झिलमिलाती सी आंख । टिमटिमाती आशाएं अपनों से बहुत से अरमान बस कभी-कभी हल्की सी मुस्कान थोड़ी सी खुशियों में डूबने का अरमान जीवन भर बने अपनों के बने…