कविता – “जीवन का अंतिम सत्य”
बड़ा आश्चर्य हुआ, उस दिन मुझे मेरे जाने से उन्हें, आंसू बहाते देखा तारीफों के, पुल पर सवार होकर मेरी अच्छाईयों के, किस्से सुनाते देखा । उस दिन शरीर, बड़ा भारी लगा मेरा जिस दिन रुह, आजाद हुई तन से जो कभी पूछते नहीं थे, हाल-ए दास्ताँ आज मेरे इर्द-गिर्द भटकते हुए देखा । तरसता…
