कविता – “जीवन संगनी”
जीवन में संगनी का पग, बड़ा कमाल कर जाता है सूने जीवन में जैसे, बसंत लेकर आता है चार पगों में दुनिया स्थिर, तीव्र वेग सह जाता है जीवन का संसार चक्र, इन पहियों से बढ़ जाता है l उम्र का एक पड़ाव जब साथ किसी का भाता है जीवन का सच्चा सुख संगिनी…
