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गाँव का मड़ई मेला

लघु कथा – दीपावली की छुट्टी में, मैं “मिश्री” अपने मम्मी-पापा के साथ दीपावली मनाने के लिए दादा-दादी के घर छिंदवाड़ा जाने के लिए बहुत उत्साहित थी। हम मम्मी-पापा के साथ भोपाल में रहते थे; अपने दादा के घर तीज त्यौहार एवं कोई अनुष्ठान में जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। इस बार दीपावली…

“एक ऐसा भी करवा चौथ”

साहित्य- सुबह जल्दी उठकर पुष्पा अपने दैनिक काम में लग गई । आज सोचा था कि दोपहर के पहले सब काम निपटकर थोड़ी देर आराम करेगी। दिनभर निर्जला निराहार व्रत जो रखना है उसे आज। हाँ! पिछले आठ साल हो गए है उसे यह व्रत करते हुए । आज सुहागिन महिलाओं का बड़ा कठिन लेकिन…

“मेरी चाह”

आज कक्षा में बच्चो को हिन्दी विषय बच्चों को पढ़ा रहा था l बच्चों को बहुत पसंदीदा विषय था हिन्दी; आखिर रहे भी क्यों न ! उनके सर यानि मैं; बच्चों को पढ़ाने में अपना सम्पूर्ण दिलोदिमाग लगा देते है, हर एक गतिविधि को पूरे हावभाव से करते थे, कविता को लय के साथ, कहानी…