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कपड़ा बैंक चौरई ने गरीब-जरुरतमंदो को बाटी राखियाँ

छिंदवाड़ा (चौरई)- कपडा बैंक चौरई टीम द्वारा बस्तियों में जाकर रखियाँ बाटी गई l कपड़ा बैंक जिला में जन सहयोग से कपड़ो का संग्रहण कर उसे जरुरतमंदो तक पहुँचाने का सक्रीय रूप से कार्य कर रहा है l आज जिला के चौरई ब्लाक के लावनगढ़ी कारा वार्ड नंबर 1 इंदिरा कॉलोनी में कपड़ा बैंक चौरई…

जन सहयोग की मिशल बनी कपड़ा बैंक, बाढ़ पीड़ितो के लिए भेजे 5000 जोड़ी कपड़े

छिंदवाड़ा- मानव सेवा के लिए लगातार कार्य कर रही “कपड़ा बैंक” सेवा सहयोग संगठन का “सेवा बने स्वाभाव अभियान” से कई लोग जुड़े है एवं लोगो की मदद के लिए आगे आये है l प्रकृतिक कहर अतिवर्षा से चंबल क्षेत्र लोगो का जीवन दूभर कर दिया है l भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर आदि जिलों में…

कविता – “सावन की बहारें”

सावन आया पहन हरियाली धूम मचाये है बदरी काली धरती ने पहना है हरा श्रृंगार नदियों ने पहना है नीर रुपी हार । सावन की फुहारें मंद-मंद बरसना भोरों का जैसे फूलों पे सरकना मदहोश घटा अम्बर बिखारे बादलों से दिनकर करें है इशारे । रंग-बिरंगी सुन्दरता फूलों में आई चारो तरफ है मदहोशी छाई…

स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में किया “कपड़ा बैंक” के पदाधिकारियों का सम्मान

छिन्दवाड़ा – कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन छिंदवाड़ा ने बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगो को कपड़े बाटकर मनाया स्वतंत्रता दिवस की 75वी वर्षगाठ l 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर में बालाघाट हॉक फोर्स (IPS) कमान्डेंट श्री नागेन्द्र प्रताप सिंग जी द्वारा कपड़ा बैंक के अध्यक्ष श्रीमती हेमलता महेश भावरकर,सौरभ शर्मा,मिन्टू साहू,राजेन्द्र चौरिया,सूरज राजपूत,भानु…

कविता – “जयती जय भारत माता”

हमें फक्र है देश पर अपना यहाँ हमारा जन्म हुआ इस देश का गुणगान गाये मधुर मनोहर गगन सुआ l अनेक रंग में विविध ढ़ंग में मेल-मिलाव रहते संग में धर्म- संस्कृति मेल निराला राम-रहीम रहे एक ठाव में l सब देश में देश निराला प्रेम सौहार्द है चाम हमारा देश के खातिर मर मिटने…

कपड़ा बैंक “सेवा सहयोग संगठन” की अनूठी पहल से कई गरीब जरुरतमंदों को मिली मुस्कान

छिन्दवाड़ा– देश चहुमुखी विकास का एक नया मुकाम तय कर रहा है जहाँ सरकार हर लोगो को सभी सुविधा देने के लिए अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है l परन्तु सरकार की सभी योजनाओं के वाबजूद अभी भी ऐसा तबका है जो अपनी बुनियादी सुबिधाओं के लिए तरस रहा है l कई…

Shyam Kumar Kolare: “नजरिया अपना- अपना”

Shyam Kumar Kolare : कविता- “नजरिया अपना-अपना” सूरदास निकालते है खामी मेरे चेहरे में,बेवफा को शिकायत है कि मैं दगा देता हूँ l कायर खोजते है परिश्रम मेरे जीवन में,शकी को शिकायत है कि मैं गलत देखता हूँ l लंगड़ा नुक्श निकालता है मेरी चाल में,लूला को शिकायत है मैं खराब चलता हूँ l मंदबुद्धि…

“बचपन की सुहानी यादें”

कोई लौटा दे वो बचपन के दिन दौडा करते थे सारा सारा दीन कभी टायरों के चक्कों के पीछे कभी उड़ते हवाई जहाज के नीचे रोज होती थी अमराई की सैर खाते थे झाडी की खट्टी मिट्ठी बेर l   कोई लौटा दे वो बचपन के दिन मस्ती करते थे सारे सारे दिन  खुश होते…