बरघाट [26-03-2025]- ग्राम गोरखपुर में विगत 22 मार्च से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर गूंजे जयकारे
कथावाचक पं. दिनेश मिश्र ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, “जब धरती पर धर्म की हानि होती है और पाप का बोझ बढ़ता है, तब भगवान अवतरित होते हैं।”
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पूरा पंडाल भगवान के जयकारों से गूंज उठा। जन्मोत्सव के अवसर पर कथा स्थल को गुब्बारों और फूल मालाओं से सजाया गया।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव की सजीव झांकी भी निकाली गई। बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु इस उत्सव में शामिल हुए और श्रीकृष्ण के जन्म का आनंद उठाया।
कथावाचक ने आगे कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में अच्छे मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। बच्चों में संस्कार लाने के लिए माता-पिता को उन्हें भागवत कथा, सत्संग और कीर्तन में ले जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “माता-पिता के आशीर्वाद से संसार में सब कुछ प्राप्त हो सकता है। धर्म और भगवान के प्रति विश्वास से जीवन कृतार्थ होता है।”
सांसारिक मोह में फंसकर मनुष्य अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है। अगर वह अपने कुविचारों को त्यागकर परमेश्वर का ध्यान करता है, तो मोक्ष की प्राप्ति संभव है।
कथा व्यास श्री मिश्रा ने कंस की कारागार में वासुदेव और देवकी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा भी सुनाई। उन्होंने बताया कि भादों मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।

उनके जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और वे गोकुल धाम पहुंचे। नंदबाबा के घर में उनका लालन-पालन हुआ। बाद में श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध कर पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से आजाद कराया।
कथा के आयोजन कर्ता डॉ. राधेश्याम ममता राहंगडाले द्वारा बताया गया कि कथा का समापन शनिवार, 29 मार्च को हवन-पूजन, महाप्रसाद और पूर्णाहुति के साथ होगा।