सिवनी : जल संकट के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आपात आदेश – Yaksh Prashn
Home » सिवनी : जल संकट के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आपात आदेश

सिवनी : जल संकट के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आपात आदेश

Sanskriti jain ias, collector seoni
Share

सिवनी 15 अप्रैल 2025– जिले में स्थानीय स्तर पर जल आपूर्ति की कमी और जल संकट उत्पन्न होने की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आपात आदेश जारी किया गया है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

यह आदेश जिला दंडाधिकारी संस्कृति जैन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत पारित किया गया है।

जल संकट से निपटने के लिए प्रमुख प्रावधान

  • जल स्त्रोतों का अधिग्रहण: जल संकट की आपात परिस्थितियों में किसी भी सार्वजनिक और निजी जल स्त्रोत को बिना सूचना दिए सार्वजनिक हित में अधिग्रहित किया जा सकेगा।
  • पेयजल उपयोग तक सीमित: जल स्त्रोतों का उपयोग केवल दैनिक जीवन के कार्यों और पेयजल के लिए किया जा सकेगा। अन्य उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा।
  • सिंचाई कार्यों पर रोक: जल संकट की स्थिति में सिंचाई कार्यों के लिए जल स्त्रोतों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसा किया गया, तो संबंधित पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
  • निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक: निर्माण कार्यों के लिए जल स्त्रोतों का उपयोग बिना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के आगामी 15 दिनों तक प्रतिबंधित रहेगा।
  • निजी और सार्वजनिक जल स्त्रोत का अधिग्रहण: निजी और सार्वजनिक बोर, तालाब, कुआं, बावली जिनका पानी दैनिक उपयोग योग्य है, उन्हें जनता के उपयोग हेतु किसी भी समय अधिग्रहित किया जा सकेगा।

आदेश का प्रभाव

यह आदेश सिवनी जिले के नगर पालिका क्षेत्र और मास्टर प्लान क्षेत्र के सभी ग्राम, जैसे बीजांवाडा, मानेगांव, बिठली, पलारी, खैरी, सिमरिया, मरझोर, बम्होडी, लखनवाड़ा आदि में लागू होगा।

यह आदेश जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

जनसामान्य से अपील

दंडाधिकारी ने जनसामान्य को आदेश का पालन करने की अपील की है और चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जल संकट की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने स्थिति के त्वरित समाधान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया है। जनहित में यह आदेश पारित किया गया है।