Seoni : धार्मिक अनुष्ठान प्रदर्शन का नहीं बल्कि दर्शन का विषय है - पं.दिव्यांशु – Yaksh Prashn
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Seoni : धार्मिक अनुष्ठान प्रदर्शन का नहीं बल्कि दर्शन का विषय है – पं.दिव्यांशु

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Seoni (यक्ष-प्रश्न) 6 मई 2025 – (मुंगवानी) 5 मई 2025, धर्म अनुष्ठान में श्रद्धा का भाव हो, बिना भाव के भगवान नहीं मिलते। अनुष्ठान का फल भगवान के चरणों में रती है। सब कुछ करने वाला परमात्मा है । भक्त की रक्षा के लिए, भगवान अपनी प्रतिज्ञा का भी उल्लंघन कर जाते हैं।

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उत्ताश्य के प्रेरक उदगार ग्राम मुंगवानी खुर्द के प्रतिष्ठित तिवारी परिवार द्वारा आयोजित, सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास पंडित दिव्यांशु महाराज के मुखारविंद से प्रकाशित हुए।

Seoni : भागवत कथा वेद रूपी कल्पवृक्ष का रसदार फल है

दूसरे दिन के कथा प्रसंग में मंगलाचरण की विस्तृत सरल व्याख्या करते हुए आप श्री ने कहा कि, श्रीमद् भागवत कथा वेद रूपी कल्पवृक्ष का बिना छिलका गुठली वाला रसदार फल है। कथा रसिक ही इसके पान करने के अधिकारी हैं।

धर्म पालन अनुष्ठान में मत्सर, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा, दिखावा के बजाय श्रद्धा का भाव होना चाहिए। धर्म प्रदर्शन का नहीं बल्कि दर्शन का विषय है। विद्वान भागवताचार्य कथा व्यास दिव्यांशु जी ने भागवत कथा स्तुति की सहज सरल व्याख्या करते हुए कहा कि, श्रीमद् भागवत कथा सबसे पहले श्री हरि विष्णु ने ब्रह्मा जी को सुनाया।

ब्रह्मा जी ने नारद जी को, नारद जी ने व्यास जी को, व्यास जी ने सुकदेव जी को और सुकदेव जी ने परीक्षित जी को सुनाया तथा परीक्षित जी के माध्यम से संसार में भागवत कथा का प्रसार हुआ है।

कलयुग के प्रारंभ में कलयुग के दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय हेतु सोनकादि ऋषियों ने सूत जी महाराज से प्रश्न किए – 1) धर्म क्या है? 2) भगवान के अवतार का उद्देश्य क्या है? 3) श्रीमद् भागवत की रचना कैसे हुई?

सूत जी महाराज प्रश्नों का उत्तर देकर समाधान करते रहे और श्रीमद् भागवत कथा का विस्तार होते गया।

आज कथा प्रसंग के द्वितीय दिवस पर तिवारी परिवार के स्नेही स्वजनों के साथ ही, आसपास के गांव के कथा रसिक सैकड़ो श्रद्धालु नर-नारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

आगामी 11 मई तक, प्रतिदिन दोपहर 2:30 बजे से शाम 6:00 तक चल रही दिव्य भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में आप समस्त श्रद्धालु जनों से कथा श्रवण का पुण्य लाभ अर्जित करने का विनम्र आग्रह है।

Seoni : भागवत कथा श्रवण से दुष्ट प्रेत योनि को भी मोक्ष प्राप्त हो जाता है- पं. दिव्यांशु जी

संकलन- पं.ओमप्रकाश तिवारी (पूर्व अध्यक्ष) जिला ब्राह्मण समाज सिवनी

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