Seoni (यक्ष-प्रश्न) 21 मई 2025– Summer Camp (कमाल का कैम्प 2025): स्वयंसेवकों के माध्यम से बच्चों की गणितीय समझ निखारने के हो रहे प्रयास।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गर्मी की छुट्टियों में जब स्कूल बंद होते हैं और बच्चे आमतौर पर खेलकूद में व्यस्त रहते हैं, ऐसे समय में मध्यप्रदेश के जिलों में एक अभिनव पहल ने, शिक्षा को एक नए उत्साह के साथ बच्चों के जीवन से जोड़ा है।
“कमाल का कैम्प 2025” नामक यह Summer Camp जिले के हर गांव में आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य कक्षा 5वीं और 6वीं के ऐसे बच्चों की गणितीय दक्षता में सुधार करना है, जिन्हें इस विषय में बुनियादी कठिनाइयाँ आ रही हैं।
इस पहल को प्रदेश के सभी जिलों में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन (Pratham Education Foundation) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
सिवनी जिले में यह समर कैम्प 06 मई 2025 से शुरू हो चुका है, जिला शिक्षा केन्द्र के मार्गदर्शन में हर गांव में स्थानीय स्वयंसेवकों की भागीदारी से चलाया जा रहा है।
जिले के हर गांव में समुदाय की सक्रिय भागीदारी और शिक्षाप्रेमी नागरिकों की मदद से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी बच्चा पीछे न रहे।
समर कैम्प की गतिविधियाँ खेल पद्धति पर आधारित हैं। गणित को बच्चों के लिए रूचिकर और आसान बनाने के उद्देश्य से खेल, समूह गतिविधियों और हाथों-हाथ प्रयोगों के ज़रिए शिक्षा दी जा रही है।
प्रत्येक गांव में बच्चों का 10-15 बच्चों का एक छोटा समूह तैयार किया गया है, जिसमें प्रतिदिन 1 से 2 घंटे की गतिविधियाँ कराई जा रही हैं।

ये गतिविधियाँ न केवल बच्चों को गणित की मूलभूत अवधारणाओं को समझने में मदद कर रही हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी जगा रही हैं।
इस कैम्प में स्वयंसेवकों की अहम भूमिका है गांव के युवाओं, शिक्षित नागरिकों और पूर्व छात्रों को इस पहल में स्वयंसेवक के रूप में जोड़ा गया है।
ये स्वयंसेवक न केवल बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि उनके साथ संवाद, प्रेरणा और सहयोग की एक मजबूत कड़ी भी बना रहे हैं।
इनकी भागीदारी इस प्रयास को सामुदायिक स्वरूप प्रदान करती है, जिससे यह केवल एक सरकारी या संस्थागत पहल न होकर जनता की अपनी योजना बन जाती है।
समर कैम्प (Summer Camp) का शुरुआती प्रभाव ही यह दर्शाता है कि जब बच्चों को सीखने का अवसर उनके सहज परिवेश में, रोचक विधियों से और आत्मीय सहयोग से मिलता है, तो वे जल्दी सीखते हैं और ज्ञान में रुचि दिखाते हैं।

बच्चों ने खुद यह माना है कि अब उन्हें जोड़, घटाव, गुणा, भाग जैसे विषय डरावने नहीं लगते, बल्कि मज़ेदार खेलों के रूप में अनुभव हो रहे हैं।
एक समावेशी भविष्य की ओर कदम “कमाल का कैम्प 2025” केवल गणित सिखाने का जरिया नहीं है, यह समाज को एकजुट करने, शिक्षा को सामुदायिक जिम्मेदारी बनाने और बच्चों को बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह मॉडल इस बात का प्रमाण है कि अगर समुदाय, संस्थाएं और शासन एक साथ मिलकर कार्य करें, तो किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। सिवनी जिले में यह समर कैम्प न केवल बच्चों की शिक्षा को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे जिले को यह संदेश भी दे रहा है कि बदलाव की शुरुआत गांवों से होती है, और हर गांव में शिक्षा की अलख जलाना ही असली ‘कमाल’ है।
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