समान शिक्षा बने देश का मुद्दा
देश में एक देश-एक विधान-एक संविधान लागू हो रहा है। लेकिन, क्या इस मुद्दे में शिक्षा शामिल नहीं हो सकती? “अपने देश में भिन्न-भिन्न प्रकार के शिक्षण-संस्थानों में भिन्न-भिन्न प्रकार की शिक्षा दी जा रही है। सबके पाठ्यक्रम से लेकर प्रबंधन तक अलग-अलग हैं। जिनका सरकारीकरण से लेकर व्यापारीकरण तक हो चुका है और पढ़ने…
