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कविता – “राखी”

भाई-बहिन के प्यार स्नेह का प्रेम समरसता का अलंकर है राखी आँखों में दुलार, कलाई सजा प्यार मन में उमड़ती प्रेम तरंग है राखी । सारा जीवन अटूट रिश्तों की डोर विश्वास- सम्मान का नाम है राखी धागे बंध जाए कलाई पर भाई के बहिन के लिए अटूट साँस है राखी । भाई के लिए…

कविता- “बुझा हुआ दीपक”

सब कहते है, बेटा कुल का दीपक होता है जो वंश-परिवार की, रोशन की खान होता है   पता नहीं ! हमेशा यह बात सत्य होती है क्या बेटा से ही, परिवार की शान होती है ?             बेशक बेटा माँ-बाप का सहारा होता है             इनके जीवन में आखों का तारा होता है            …

कविता – “सावन की बहारें”

सावन आया पहन हरियाली धूम मचाये है बदरी काली धरती ने पहना है हरा श्रृंगार नदियों ने पहना है नीर रुपी हार । सावन की फुहारें मंद-मंद बरसना भोरों का जैसे फूलों पे सरकना मदहोश घटा अम्बर बिखारे बादलों से दिनकर करें है इशारे । रंग-बिरंगी सुन्दरता फूलों में आई चारो तरफ है मदहोशी छाई…

कविता – “जयती जय भारत माता”

हमें फक्र है देश पर अपना यहाँ हमारा जन्म हुआ इस देश का गुणगान गाये मधुर मनोहर गगन सुआ l अनेक रंग में विविध ढ़ंग में मेल-मिलाव रहते संग में धर्म- संस्कृति मेल निराला राम-रहीम रहे एक ठाव में l सब देश में देश निराला प्रेम सौहार्द है चाम हमारा देश के खातिर मर मिटने…

हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का इतिहास, 112 साल में 6 बार बदला तिरंगा

संकलन- 15 अगस्त को समस्त भारतवासी आजादी की वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम धाम से मानते आ रहे है इस दिन देश के सभी लोगो के मन में एक देश प्रेम का जस्वा एवं उमंग देखते ही बनती है आखिर हो भी क्यों न! यह दिन हमें हमारे क्रांतिकारी एवं देशभक्तों के खून एवं वलिदानों से मिली…

कविता – “बेसहारा मासूम बचपन”

तनिक तो सुनलो ये बाबू अब भूख नहीं होती काबू न कोई छत हमारे सर नंगे-भूखे है खाली कर l सड़कों पर मलिन गलिन में कर फैलाये धूप-वारिश में ये मजबूरी विकट खडी है उदर भरण की ठेय नहीं है l कोई धुतकारे कोई है मारे मजबूरी के हम है सारे कोई तो सुध लो…

NTA : UGC NET June 2021 Updates

भारत- जून 2021 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल ओपन UGC-NET COVID-19 के मद्देनजर दिसंबर 2020 UGC-NET के स्थगित होने के कारण, जून 2021 का शेड्यूल UGC- NET में देरी हो गई है। यूजीसी-नेट परीक्षा चक्र को नियमित करने के लिए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने यूजीसी की सहमति से…

Ugc net 2025

“नारी”

ईश्वर की अनमोल कृति है   नाम धरा है नारी सर्वगुणों से पूरित करके धरती पर उतारी l ममता त्याग तपस्या का सजीव रूप दे डारी जिस घर मान हो नारी का वो घर सदा रहे उजियारी l अस्तित्व से है जीवंत जीवन न होने पर सूना पैर पड़े जब दर पर इसके समृद्धि हुई…

“सावन की रौद्र बूँदें”

सावन काली अन्धयारी रातो में यूँ गम की भरी बरसातों में ये कहर ढाती बिजलियाँ हलचल मचादी भूमि में l कहीं मुसला तो कहीं रिमझिम से कहीं धीरे से कहीं जम-जम से कभी पोखर में  कभी नदियों में हुआ जल-थालाथल बागियों में l कुछ तरसे एक-एक बूँदों को उम्मीद बने अधर प्यासों को हलधर की बने…

“जीवन रस”

वर्तमान बना सुखद घनेरा, भविष्य किसने है देखा क्यों कुढ़ता मन भीत मनोरे, मीनमेख निकलत ऐसा l   जीवन का रस आज घनेरे, पल-पल बीता जाए ! श्या जितना बटोर सके तो, उतना सुख दिन आये l नित्य दिन अंधकार बने है, तिल-तिल घटता जाये बिन पैरी समय चलत है, कभी न थकता जाए l…