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Shyam Kumar Kolare
सामाजिक कार्यकर्ता
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
#ShyamKumarKolare
“किताबों से दोस्ती”
किताबो से दोस्त हुई है जबसे तन्हाई तरसती है हरपल मिलने को मुझसे । ज्ञान की देवी विद्या की मूरत गुरु की दिखे इसमें सूरत सही गलत का पाठ पढ़ाती संस्कारी वो मुझे बनाती l इसमें मिलता ज्ञान भंडार विद्या की है सुन्दर खान ज्ञान विज्ञान इतिहास बताती अपनी मूल पहचान कराती l बहुदुर साहस…

मैदानी खेलों से उदासीनता बन सकती है बच्चों के शारीरिक विकास में रूकावट
विचार- हम सभी को भलीभांति पता है कि बच्चों को जितना पौष्टिक भोजन जरुरी है उतना ही उनको खेलना भी जरुरी है । वैसे भी बच्चों के लिए सबसे मनपसंद काम खेलना ही होता है । अधिकतर बच्चे अपने खाली समय को खेलने में ही बिताते है । खेलना किसे पसंद नहीं है बच्चों से…
कपड़ा बैंक “सेवा सहयोग संगठन” की अनूठी पहल से कई गरीब जरुरतमंदों को मिली मुस्कान
छिन्दवाड़ा– देश चहुमुखी विकास का एक नया मुकाम तय कर रहा है जहाँ सरकार हर लोगो को सभी सुविधा देने के लिए अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है l परन्तु सरकार की सभी योजनाओं के वाबजूद अभी भी ऐसा तबका है जो अपनी बुनियादी सुबिधाओं के लिए तरस रहा है l कई…

सफलता का मूलमंत्र – “समय प्रबंधन”
विचार – हम सबने लोगो से यह कहते अक्सर सुना होगा कि आज के परिवेश में जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि उन्हें अपने लिए समय नहीं मिल रहा है। अपने जीवन में जिम्मेदारी, कर्तव्यबोध एवं अपने परिवार के लिए समर्पित होने से अपने लिए समय निकलना एक चुनौती बनी हुई है l इस…

“साहित्य का सर्जन”
जब अंतर्मन में भावों का भंवर उमड़-उमड़ कर आये जब उमंग- तरंग जहन में उफन-उफन जाए तब लेखनी चलती है उसे साकार रंग में भरती है तब साहित्य का सर्जन करती है l सुख-दुःख , अनुराग- मिलन जब जलती हो विचारों की निर्मम आग जब सजनी सजती है लिए प्रिये मिलन की आस तब अनायास ही लेखनी…

गोंडवाना के महान शासक राजा बख्त बुलंद शाह उइका ने बसाया था नागपुर शहर
संकलन- गोंडवाना इतिहास में नागपुर शहर की स्थापना गोंडवाना के महान शासक राजा बख्त बुलंद शाह उइका का जन्मदिन 30 जुलाई को मनाया गया l गोंड साम्राज्य की महान एवं पुरानी संस्कृति के संरक्षक और प्रगति के लिए गोंड शासको की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है गोंडवाना की स्थापना में इनका योगदान एवं संघर्ष भुलाया…

भारतीय भाषा पर अंग्रेजी के वर्चस्व से कमजोर होती भारतीय भाषाएँ
विचार- भारत एक बहुभाषी देश है जिसकी लगभग अट्ठारह भाषाओं के पास अपनी लिपि है और विश्व की सोलह बड़ी भाषाओं में पाँच बड़ी भाषाएँ भारत के पास हैं जिनके बोलने, पढ़ने-लिखने वालों की संख्या पाँच करोड़ से अधिक है, इसलिए अंग्रेजी के बढ़ते वर्चस्व की स्वाभाविक चिन्ता भारत को सर्वाधिक है और यह इसलिए नहीं कि…

“सबल बने अब हर नारी”
कब तक अबला बनकर धरती का बोझ उठाओगी, कब तक यूँ सहमे- सहमे अपना दर्द छुपाओगी, बाल रूप से वृद्धा तक रही किसी की छाया में, अब समय वो आया है अपने को सिद्ध कर पाओगी l रानी लक्ष्मी दुर्गावती वीर नारी की वंशज हो तुम शक्ति रूप दिखाओगी, सक्षम होकर दुनिया में चावला बनकर…
